रविवार, 6 जुलाई 2025

भारत @75 और सतत विकास: भारत के सतत विकास के लक्ष्य और उपलब्धियाँ (Updated 2025)

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परिचय: भारत के 75 वर्षों का सफर और सतत विकास की दिशा

2025 में भारत ने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह वर्ष हमारे विकास के उन सभी पहलुओं की समीक्षा करने का समय है, जो देश को आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय तौर पर स्थिर और समृद्ध बनाने के लिए आवश्यक हैं। सतत विकास के लक्ष्य (Sustainable Development Goals – SDGs) ने भारत की विकास यात्रा को एक नई दिशा दी है।

👉 इस लेख में हम जानेंगे:

  • भारत के 75 सालों की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • सतत विकास के महत्वपूर्ण लक्ष्य और भारत की प्रगति

  • भारत की चुनौतियाँ और आगामी रास्ते

  • UPSC के लिए मुख्य प्रश्न और तैयारी टिप्स


Zone 1: अवधारणात्मक नींव – सतत विकास क्या है?

सतत विकास की परिभाषा

सतत विकास का अर्थ है ऐसे विकास को बढ़ावा देना जो वर्तमान की जरूरतों को पूरा करे बिना भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को खतरे में डाले।

संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDGs)

  • कुल 17 लक्ष्य, जिनमें गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, जल सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई आदि शामिल हैं।

  • भारत ने 2015 में इन लक्ष्यों को अपनाया और विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं में इन्हें शामिल किया।


Zone 2: विश्लेषणात्मक गहराई (What-Why-How-Impact)

भारत के 75 वर्षों में विकास – एक विश्लेषण

What:
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से भारत ने अनेक क्षेत्रीय और आर्थिक सुधार किए हैं जिनसे देश की समग्र प्रगति हुई है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से तेजी से उद्योग और सेवा क्षेत्र की ओर संक्रमण हुआ है। 1947 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) लगभग 30 बिलियन डॉलर था, जो 2025 तक लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इसके साथ ही जीवन स्तर, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं।

Why:
भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या, सामाजिक असमानताएं, और सीमित संसाधनों के दबाव ने सतत विकास को प्राथमिकता बना दिया। सतत विकास इसलिए जरूरी है ताकि विकास न केवल आज की जरूरतों को पूरा करे बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण और सामाजिक न्याय के साथ भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों को भी सुरक्षित रख सके।

How:
भारत ने सतत विकास के लिए कई योजनाएं, नीतियां और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं अपनाई हैं, जैसे:

  • राष्ट्रीय नीति: भारत सरकार ने 2017 में ‘राष्ट्रीय सतत विकास रणनीति’ लॉन्च की, जो SDGs को स्थानीय संदर्भ में लागू करने का रोडमैप है।

  • स्वच्छ भारत अभियान: वर्ष 2014 में शुरू हुआ यह अभियान स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है।

  • जल जीवन मिशन: देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में जल सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

  • ऊर्जा क्षेत्र में सुधार: अक्षय ऊर्जा में निवेश बढ़ाकर भारत ने 2030 तक 500 GW अक्षय ऊर्जा लक्ष्य निर्धारित किया है।

Impact:
इन पहलों के प्रभाव को हम विभिन्न आंकड़ों और परिणामों से देख सकते हैं:

  • गरीबी उन्मूलन: 2011 से 2021 के बीच गरीबी दर में लगभग 10% की गिरावट आई है, जिससे करोड़ों लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए।

  • शिक्षा: साक्षरता दर 74% से बढ़कर लगभग 85% हो गई है, और शिक्षा में लैंगिक समानता में भी सुधार हुआ है।

  • पर्यावरण: स्वच्छ भारत अभियान ने सार्वजनिक स्वच्छता में सुधार किया, लेकिन जल प्रदूषण और वायु गुणवत्ता अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं।

  • ऊर्जा: अक्षय ऊर्जा उत्पादन में 50% से अधिक की वृद्धि हुई है, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हुई है।

सतत विकास के लक्ष्य (SDGs) और भारत

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में घोषित 17 सतत विकास लक्ष्यों को भारत ने राष्ट्रीय नीति में शामिल कर कई क्षेत्रों में कार्य किया है। इनमें प्रमुख हैं:

  • गरीबी उन्मूलन (Goal 1): प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जैसे सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क विकसित।

  • स्वच्छ जल और स्वच्छता (Goal 6): जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन।

  • सतत ऊर्जा (Goal 7): राष्ट्रीय सौर मिशन और अन्य अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं।

  • न्यायसंगत कार्य और आर्थिक वृद्धि (Goal 8): रोजगार सृजन के लिए कौशल विकास मिशन।

  • जलवायु कार्रवाई (Goal 13): भारत ने पेरिस समझौते के तहत 2030 तक उत्सर्जन में कमी का वादा किया है।

चुनौतियाँ और आलोचनाएं

सतत विकास के मार्ग में भारत को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है:

  • आर्थिक असमानता: विकास के लाभ समान रूप से नहीं पहुंचे, ग्रामीण-शहरी, जाति-धर्म, और क्षेत्रीय भेद बढ़े।

  • पर्यावरणीय दबाव: तेजी से शहरीकरण और औद्योगिकीकरण से प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों की हानि।

  • नीति क्रियान्वयन में देरी: कुछ योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी अभी भी कमजोर।

  • डाटा की कमी: सतत विकास के प्रभाव का सटीक आंकलन मुश्किल, जिससे नीतियों को सही दिशा देना कठिन।

UPSC तैयारी के लिए प्रमुख बिंदु

  • भारत के सतत विकास में प्रमुख योजनाएं, उनके उद्देश्य और परिणाम।

  • SDGs का भारत के विकास संदर्भ में महत्व।

  • पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन की चुनौतियां।

  • हाल की नीतिगत पहलें और उनका विश्लेषण।


Zone 3: व्यावहारिक उपयोग और वर्तमान संदर्भ

हाल की पहलें और प्रभाव

  • भारत@75: 75 प्रमुख परियोजनाएं जो भारत के भविष्य के लिए योजनाबद्ध हैं।

  • हरित ऊर्जा की ओर बढ़ोतरी: सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा में निवेश।

  • जल संरक्षण: जल जीवन मिशन

UPSC परीक्षा दृष्टिकोण

  • GS Paper 3 (पर्यावरण, ऊर्जा, और आर्थिक विकास) में यह विषय महत्वपूर्ण।

  • संभावित प्रश्न: “भारत ने सतत विकास के लिए कौन-कौन सी पहल की हैं? उनका मूल्यांकन कीजिए।”

  • निबंध और इंटरव्यू में चर्चा के लिए विषय।


Zone 4: अक्सर पूछे गए प्रश्न (FAQs)

  1. सतत विकास के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?

  2. भारत ने SDGs को कैसे अपनाया है?

  3. भारत में पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

  4. आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन कैसे संभव है?

  5. UPSC के लिए इस विषय की तैयारी कैसे करें?


Zone 5: UPSC रणनीति और पुनरावृत्ति सहायता

पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)

  • “भारत में सतत विकास के लिए प्रमुख योजनाओं का वर्णन करें।” – Mains GS 3 (2023)

  • “जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की रणनीति का विश्लेषण करें।” – Mains GS 3 (2022)

ट्रेंड्स और सुझाव

  • जलवायु आपदा और कृषि सुधार पर अधिक फोकस

  • आर्थिक समावेशन के उदाहरणों पर चर्चा

रिवीजन टिप्स

Mnemonic विवरण
GREEN Growth, Renewable energy, Environment, Education, Nutrition

Quick Facts

  • भारत SDG इंडेक्स में शीर्ष 10 देशों में

  • स्वच्छ भारत मिशन ने लाखों शौचालय बनाए

  • जल जीवन मिशन से ग्रामीण जल संकट कम हुआ


निष्कर्ष

भारत@75 ने देश की विकास यात्रा को न केवल गौरवशाली बनाया है, बल्कि सतत विकास के मार्ग पर भी मजबूती से खड़ा किया है। निरंतर सुधार और नीतिगत पहल से भारत भविष्य में एक मॉडल राष्ट्र बन सकता है।