Tuesday, February 12, 2013

इंदिरा गाँधी INDIRA GANDHI

इंदिरा गाँधी ( INDIRA GANDHI )



इंदिरा गाँधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गाँधी था.
इंदिरा गाँधी जवाहर लाल नेहरू की इकलौती बेटी थी.
उनका जन्म ,  १९ नवंबर , १९१७ ( 19 November, 1917 ) को अल्लहाबाद ( Allahabad ) में हुआ.
इंदिरा गाँधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री बनीं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( Indian National Congress ) पार्टी के एक केंद्रीय आंकड़ा ( Central Figure ) थी.
इंदिरा गांधी, प्रधानमंत्री के पद के लिए दूसरी सबसे लंबी सेवा मंत्री (1966-1977 1 और फिर 1980 से 1984 में उनकी हत्या तक) रही हैं और यह पद धारने वाली एकमात्र औरत है.



शुरुआती ज़िंदगी


इनिद्रा गाँधी के पिता, श्री जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए राजनीतिक संघर्ष का नेतृत्व किया, और भारत के संघ (और बाद में गणतंत्र) के पहले प्रधानमंत्री बने.
इंदिरा इकलौती औलाद थी  (एक छोटे भाई का जन्म हुआ था, लेकिन जल्दी ही मृत्यु हो गई)
इंदिरा गाँधी ने अपना बचपन बहुत अकेले और दुख में बिताया.
उनके पिता, राजनीतिक निर्देशन गतिविधियों या जेल में होने की वजह से अक्सर दूर रहते थे.
जबकि उसकी माँ अक्सर बिस्तर ग्रस्त होती थी बीमारी के साथ, और बाद में तपेदिक ( Tuberculosis ) से उन्हें जल्दी मौत का सामना करना पड़ा.
इंदिरा गाँधी अपने पिता के साथ ज्यादातर पत्रों के माध्यम से सीमित संपर्क रखती थी.


पड़ाई


इंदिरा दिल्ली ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की.
गाँधी ने  प्राथमिक विद्यालय ( Primary School ) के लिए कई, भारत और यूरोप की संस्थाओं में पड़ाई की जिनमें से हैं --- एक विविधता जिनेवा में इकोले इंटरनेशनेल ( Ecole Internationale in Geneva ) में बेकश इकोले न्यूवेल ( Ecole Nouvelle in Bex ) , सेंट सीसिलिया ( St.Cecilia ) है और सेंट मैरी कान्वेंट स्कूलों ( St.Mary ) (इलाहाबाद में)
इंदिरा गाँधी ने अपनी ग्रॅजुयेशन ,पूना और बंबई में " प्यूपिल'स ओन स्कूल" ( Pupil’s own school ) से की .
1933 में फिरोज गांधी ने पहली बार इंदिरा के सामने प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होने और उनकी माँ ने इसे अस्वीकार कर दिया, क्यूंकी तब वह बहुत छ्होटी थी,  केवल 16 साल की.

1936 में, इंदिरा गाँधी ने सॉमरविल कॉलेज ( Sommerville College , Oxford) , ऑक्सफोर्ड, यूनाइटेड किंगडम ( United Kingdom ) में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया.
प्रवेश परीक्षा की तैयारी के दौरान इंदिरा गाँधी को एक व्यक्तिगत त्रासदी का सामना करना पड़ा.
उनकी माँ की स्विट्जरलैंड में एक लंबे समय तक तपेदिक ( Tuberculosis ) से लड़ते लड़ते मृत्यु हो गई.
इसने उन्हे भावनात्मक रूप से तोड़ दिया जिसके फलस्वरूप वह बाद में परीक्षा में फेल हो गईं.
झटके के बावजूद, इंदिरा ने  इंग्लैंड में पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया और 1937 में ऑक्सफोर्ड प्रवेश परीक्षा से पहले ब्रिस्टल में बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने बिताए.
1941 के शुरू में इंदिरा गाँधी इंग्लैंड में प्रवेश करने में कामयाब हो गयीं, और ऑक्सफोर्ड में अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना वहाँ से भारत लौट आईं.

जीवन यात्रा


इंदिरा गाँधी ने इतिहास, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया , लेकिन उन्हें लैटिन ( Latin ) के साथ काफ़ी संघर्ष करना पड़ा और कई बार इस विषय में असफल रहीं.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ( Oxford University ) बाद में उन्हें एक मानद उपाधि से सम्मानित किया.
2010 में, ऑक्सफोर्ड ने इंदिरा गांधी को, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एक शानदार एशियाई स्नातकों ( Asian Graduates ) के रूप में चयन करके सम्मानित किया.
ब्रिटेन में अपने प्रवास के दौरान, इंदिरा गाँधी अक्सर अपने भविष्य के पति फिरोज गांधी, जिसे वह इलाहाबाद से जानती थी और जो लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स ( London School of Economics ) में अध्ययन कर रहा था, से मुलाकात करती थीं.
उन दोनो की शादी इलाहाबाद में आदि धर्म अनुष्ठानों के अनुसार हुई हालांकि फिरोज गुजरात के एक पारसी परिवार से थे.
उनके दो बच्चे हुए  --- संजय गाँधी और राजीव गाँधी
1950 के दशक में इंदिरा,  शादी के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी, ने ,अपने पिता जो उस वक्त भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में थे, उनके कार्यकाल के दौरान एक निजी सहायक के रूप में सेवा की.
1964 में उनके पिता की मृत्यु के बाद वह राज्यसभा (ऊपरी सदन) के एक सदस्य के रूप में नियुक्त की गईं और सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल की एक सदस्य बन गईं.

प्रधानमंत्री  के रूप में

जब इंदिरा गाँधी के पिता के उत्तराधिकारी, लाल बहादुर शास्त्री का 1966 में अचानक निधन हो गया, तब भारतीय कांग्रेस ने इंदिरा को प्रधानमंत्री के पद के लिए नियुक्त किया.
इंदिरा गाँधी ने अपने पिता के पुराने सहयोगियों को आश्चर्य में डाल दिया जब उन्होने एक मजबूत हाथ के साथ नेतृत्व किया.
उन्हॉएँ कई सर्वोच्च रैंकिंग के अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया.
इंदिरा गांधी ने कई कृषि संबंधी कार्यक्रमों में सुधार किया.
उस समय में इंदिर गाँधी को  एक नायक के रूप में देखा जाता था.
1971 में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ हिंसक गतिविधियों का आयोजन किया.
लगभग 10 लाख लोग भारत भाग आए.
गांधी ने एक सप्ताह के शिखर सम्मेलन के लिए शिमला में पाकिस्तानी राष्ट्रपति को आमंत्रित किया.
दोनों नेताओं ने अंततः शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए, शांतिपूर्ण तरीकों से कश्मीर के विवाद को हल करने की सहमति दी.
उनके नेतृत्व ने एक नये और स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण किया-- बांग्लादेश..
इंदिरा गांधी ने भी एक आंदोलन का नेतृत्व किया जो हरित क्रांति ( GREEN REVOLUTION )  के रूप में जाना जाता है.
भोजन की कमी जिसने मुख्य रूप से पंजाब क्षेत्र के बेहद गरीब सिख किसानों को प्रभावित किया , इंदिरा गांधी ने इस समस्या के एक रास्ते के रूप में फसल विविधीकरण और खाद्य निर्यात में वृद्धि का फैसला किया  और, नए रोजगार पैदा करने के रूप में भी इसे देखा गया.
इन सब प्रगतियों के बावजूद, भ्रष्टाचार इंदिरा गांधी की कांग्रेस और उनके राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के बीच फैला हुआ था.
1977 में उच्च न्यायालय ने उस साल के चुनावों के दौरान इंदिरा गाँधी को एक छोटी सी अतिक्रमण ( Infarction ) का दोषी पाया और उनके इस्तीफे की माँग की.
इसके जवाब में इंदिरा गांधी ने अनुरोध किया कि राष्ट्रपति आपातकालीन स्थिति घोषित कर दें.
इंदिरा गांधी ने अगले चुनाव खो दिए और बाद में उन्हें जैल में कैद किया गया था.
1980 में देश ने अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की और इनिद्रा गाँधी एक भारी बहुमत से जीत गयीं.
इंदिरा गाँधी ने उसी वर्ष, अपने एक बेटे, संजय गाँधी, को एक विमान दुर्घटना में खो दिया.

ऑपरेशन ब्लू स्टार / हत्या

1982  के दशक के दौरान एक सिख अलगाववादी आंदोलन भारत में विकसित हो गया, जिसे इंदिरा गांधी ने दबाने का प्रयास किया.
भिंडरांवाले, जो कॉंग्रेस का नेता था , कॉंग्रेस से अल्ग हो कर उसने अकाली दल के साथ हाथ मिला लिया.
जुलाई 1982 में उसने आनंदपुर साहिब संकल्प का नेतृत्व किया, जिसमें सिख राज्य के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग की गयी थी.
इस बीच कुछ सिख खालिस्तान ( सिखों का अल्ग राज्य ) बनाने के आंदोलन में आंतकवाद में शामिल हो गये.
1982 में  सिख अतिवादियों ( Sikh Extremists ) ने स्वर्ण मंदिर ( Golden Temple ) के अंदर एक अभियान आयोजित किया , जिसके जवाब में इंदिरा  गांधी ने 70,000  सैनिकों को उस पवित्र स्थान पर तैनात किया.
इस घटना में 450 से अधिक लोग मारे गए.
31 अक्टूबर, 1984 को, एक विश्वसनीय अंगरक्षक ने, जो एक सिख था, एक .38 रिवाल्वर खींच लिया और उससे इंदिरा गाँधी को गोली मार दी.
एक और अंगरक्षक जो भी सिख था,  उसने भी गाँधी के शरीर में 30  गोलियाँ मार दी.
इंदिरा गांधी को अस्पताल ले जाने के रास्ते में ही मृत्यु हो गई.
गांधी राज घाट के पास तीन नवम्बर ( 3 November , 1984 ) को अंतिम संस्कार किया गया था.
जहाँ इंदिरा गाँधी का अंतिम संस्कार किया गया, उसे आज शक्ति स्थला ( Shakti Sthala ) के रूप में जाना जाता है.


वसीयत

इंदिरा आवास योजना : केंद्रीय सरकार ने ग्रामीण गरीबों के लिए कम लागत वाली एक आवास योजना बनाई जिसक नाम इंदिरा गाँधी के नाम पे रखा गया.

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ( Indira Gandhi National Airport ): नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम भी इंदिरा गाँधी के सम्मान में रखा गया.

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय  ( Indira Gandhi National Open University ) :  दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है.

इंदिरा गांधी पुरस्कार : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1985 में वार्षिक राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार ( Indira Gandhi Award for National Integration ) शुरू किया जो उनकी  मौत की सालगिरह ( Death Anniversary ) पर आयोजित किया जाता है.

इंदिरा गांधी पुरस्कार : उनकी स्मृति में इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट ( Gandhi Memorial Trust ) ने भी वार्षिक इंदिरा गांधी पुरस्कार का गठन किया .


INDIRA GANDHI 

इंदिरा गाँधी के बेटे राजीव गाँधी की शादी सोनिया गाँधी से हुई .
इंदिरा गाँधी के पिता , जवाहर लाल नेहरू , उनकी शादी के खिलाफ थे और उन दोनो को समझाने के लिए वह महात्मा गाँधी के पास भी गये लेकिन कुछ लाभ नहीं हुआ.
किरण बेदी को क्रॅन बेदी भी कहा जाता है क्यूंकी, किरण बेदी ने इंदिरा गाँधी की कार को ग़लत पार्किंग में होने की वजह से वहाँ से हटवा दिया था.
और यह भी कहा जाता है की ऐसा करने की वजह से किरण बेदी का तबादला गोआ हो गया था.
अन्ना हज़ारे, एक , सोशियल आक्टिविस्ट, भी इंदिरा गाँधी को बहुत मानते थे.
उनका कहना था की, इंदिरा गाँधी राजनीति में आई तो कॉंग्रेस के अधिकारियों की वजह से हैं लेकिन उन्होने हमेशा ग़रीबों के लिए काम किया है.

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