Monday, October 15, 2012

भारतीय ध्वज Indian Flag Indian Tricolor General Knowledge Facts

भारतीय ध्वज INDIAN FLAG INDIAN TRICOLOR FLAG

Indian Flag
  • १. भारत का पहला ध्वज ७ अगस्त,१९०६ (7,1906) को फहराया गया था.
भारतीय ध्वज INDIAN FLAG

Indian Flag
१. भारत का पहला ध्वज ७ अगस्त,१९०६ (7,1906) को फहराया गया था.

२. प्रथम ध्वज कोलकाता में फहराया गया था.
३. प्रथम ध्वज के सबसे उपर की पट्टी में कमल के फूल थे.
४. दूसरे ध्वज की सबसे उपर की पट्टी में सात सितारे थे जो सप्तऋषि को दर्शते थे और एक कमाल का फूल था.
५. तीसरा ध्वज १९१७ (1917) में ऐनी बेअसंत और लोकमानया तिलक द्वारा फहराया गया था.
६. तीसरे ध्वज में ५ लाल और ४ हरी पट्टियाँ थी.
७. १९३१ (1931) भारतीय ध्वज के इतिहास का सबसे बड़ा वर्ष है क्यूँक़ि इस वर्ष में हमारे तिरंगे धवज को अपनाया गया था. इस ध्वज के मध्य में गाँधी जी च्रखे के साथ थे.
८. २२ जुलाई, १९४७ (22, 1947) को आज़ाद / मुक्त भारतीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था.
९. भारतिया ध्वज तीन रंगों से बना है -- केसरिया , सफेद और हरा.
१०. केसरिया रंग शक्ति और साहस को दर्शाता है.
११. सफेद रंग शांति का प्रतीक है.


INDIAN TRICOLOUR
१२. हरा रंग वृद्धि , भाईचारे और भूमि की पवित्रता को दर्शाता है.
१३. ध्वज के मध्य में चक्र है जिसे विधि का चकरा भी कहते हैं.
१४. यह चक्र नीले रंग का है और इसमे २४ (24) लकीरें हैं.
१५. इस चक्र का मतलब है की जीवन गतिशील है. हमें रुकना नहीं चाहिए क्यूंकी रुकने का मतलब मृत्यु है.






INDIAN TRICOLOUR






. भारतीय ध्वज ( Indian flag ) को बनाने का श्रेय पिंगली वेंकय्या को जाता है.
. पिंगली वेंकय्या ( Pingali Venkayya ) ने जीओलोजी ( geology ) में डिग्री हासिल की तथा " डाइमंड वेंकय्या " ( Diamond Venkayya ) के नाम से जाने गये.
. ध्वज ( Flag ) में तीनो पट्टियों की लंबाई और चौड़ाई बराबर होनी चाहिए.
. ध्वज ( Flag ) को आधा फेह्राने का मतलब शोक मनाना होता है.
. अगर ध्वज को भारतीय धरती पर और अन्य  देशों के ध्वजों के साथ फेहराया जाता है, तो सब से पहले भारतीय ध्वज ही फेहराते हैं.
. और अगर दूसरे देशों के धवजों के साथ भारतिय ध्वज फेहराया जा रहा है भारतीय धरती पर तो, वो सबसे सीधे हाथ पर Indian Flag होगा.
. ध्वज को कभी भी ज़मीन या पानी से छुने ना दें और ड्रेप की तरह इस्तेमाल ना करें.
. १९३१ ( 1931 )में स्वराज ध्वज क़ानूनी तौर पर कॉंग्रेस का धवज बना.
. १४ जुलाई १९४७ ( 14 july, 1947 ) को यह सुझाव दिया गया कि कॉंग्रेस का धवज  राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया जाए ताकि सभी पार्टियाँ ( Parties ) तथा कम्यूनिटीस ( Communities ) इसे स्वीकार कर सकें, जिसे २२ जुलाइ, १९४७ ( 22 july, 1947 ) को अपनाया गया.
. उस समय घूमते हुए चक्र की जगह अशोका चक्र ( Ashoka Chakra ) धवज पर बनाया गया.
. ध्वज को बनाने के लिए बी. आई. एस. ( Bureau of Indian Standards ) द्वारा १९६८
( 1968 ) में कुछ नियम लागू किए गये जिन्हे २००८ ( 2008 ) में  अपडेट किया गया .
. यह नियम कुछ इस प्रकार से हैं:
. ध्वज के लिए हमेशा खादी, सिल्क या कॉटन के कपड़े का ही इस्तेमाल करें. पहले तीन
 ( 3 ) साल तक तो सिर्फ़ खादी ही इस्तेमाल किया जाता था, और कोई और कपड़ा इस्तेमाल करने वाले को सज़ा मिलती थी.
. ९ ( 9 ) स्टॅंडर्ड साइज़ बनाए गये जिसमे से सबसे बड़ा है ६.३ * ४.२ मीटर है जो महाराष्ट्र के मंत्रालय पर फेहराया जाता है.
.  भारतीय ध्वज “ तिरंगे “ ( Tricolor ) के नाम से भी जाना जाता है.
. २००९ ( 2009 ) तक केवल कर्नाटक खादी ग्रामोद्योगा संयुक्ता संघा, ही इसके एकमात्र बनाने वाली कंपनी थी.
. भारतीय ध्वज को फेह्राने के लिए एक नियम था की ध्वज को आम इंसान द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. लेकिन २००२ ( 2002 ) में एक शक्स, नवीन जिंदल के सुनवाई पर कोर्ट ने प्राइवेट भारतीयों को भी ध्वज फेह्राने की अनुमति दे दी.
. स्वर्गीय प्रधान मंत्री, श्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा इसे भारतीयों की स्वंतरता का प्रतीक बताया गया.
. भारतीय ध्वज के का प्रपोर्षन २:३ ( 2:3 ) है.
. यह ध्वज हमारे देश का सम्मान और गुरूर है.
. हमें इसका कभी निरादर नहीं करना चाहिए.
                        जय हिंद

Sunday, October 14, 2012

Nobel Prizes 2012 नोबेल पुरस्कार 2012

नोबेल पुरस्कार 2012


Physics के 2012 नोबेल पुरस्कार विजेता
  • Serge Haroche
  • David J. Wineland


Literature के 2012 नोबेल पुरस्कार विजेता

Mo Yan

Dengue Fever

             डेंगू बुखार के लक्षण

डेंगू बुखार 


डेंगू बुखार कैसे फैलता है?

  • चोट लगने से 
  • खाना खाने से 
  • मछर के काटने से
  • खांसी करने से 



सही उतर : मछर के काटने से


डेंगू बीमारी किस मच्छर के काटने से होती है?

  • एडीज इजिप्टी
  • अनोफ्लेसे 


सही उतर : एडीज इजिप्टी



Saturday, October 13, 2012

Kumbh Mela 2013 कुम्भ मेला 2013

                                   कुंभ मेला ( महा कुंभ मेला )
                               KUMBH MELA


  • कुंभ मेला ( Kumbh Mela ) हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला मेला है , जिसमें कई तादार में हिंदू एक पवित्र नदी पर इकठे होते हैं और उस नदी में स्नान करते हैं.

  • कुंभ मेला " महा कुंभ मेला " के नाम से भी जाना जाता है.

  • कुंभ " का मतलब मटकी , जार या गमला होता है और " मेला " का मतलब इकठे   होना या मिलना बड़ी तादार में.

                                                        इतिहास ( HISTORY)

  • ये कहा जाता है की एक समय में दुरवासा मुनि के श्राप से देवताओं ने अपनी शक्ति खो दी थी.

  • अपनी शक्ति को दोबारा पाने के लिए वह भगवान ब्रह्मा और शिव की शरण में गये.

  • उन्होने ने सभी देवताओं को भगवान विष्णु के पास भेज दिया.

  • भगवान विष्णु ने देवताओं को एक दूध के समुद्र , जिसका नाम " शीर सागर " था , का मंथन करने के लिए कहा.

  • और उस मंथन से निकलने वाले अमृत का सेवन करने के लिए कहा.

  • यह काम देवता लोग अकेले नहीं कर सकते थे.

  • उन्हे असूरों के साथ मिलकर ही ये करना था , और इसके लिए उन्हे असूरों के साथ ये वादा करना पड़ा की मंथन से निकलने वाली चीज़ों को को वो बराबर बाँटेंगे.

  • लेकिन जैसे ही कुंभ भरा अमृत निकला , तो देवताओं और असूरों में लड़ाई छिड़ गयी , जो १२ दिनों ( इंसानी १२ साल ) ( human 12 years ) तक लगातार चलती रही.

  • इस लड़ाई के दौरान भगवान विष्णु एक औरत , मोहिनी मूर्ति के वेश में आए और उस कुंभ को धोखे से ले कर भाग गये.

  • जाते समय , उस कुंभ से अमृत की कुछ बूँदें धरती पर गिर गयी .

  • अमृत की ये बूँदें चार स्थानों पर गिरी जिनके नाम हैं --  अल्लाहाबाद ( Allahabab , Prayag )  , उज्जैन ( Ujjain ) , हरिद्वार ( Haridwar ) और नासिक
            ( Nashik ).

                                       ग्रहों से संबंध ( PLANETS )

  • कुंभ मेला अलग अलग जगह पर मनाना निर्भर करता है,  ब्रहस्पति ( Jupiter ) और सूरज  ( Sun ) की स्थिति पर.

  • जब दोनो ग्रह सिंह ( Leo ) राशि ( Sun sign ) में है, तो मेला नासिक में मनाया जाता है.

  • अगर सूरज मेश ( Aries ) राशि में है , तो मेला हरिद्वार में होगा.

  • जब ब्रहस्पति वृषब ( Tauras )  राशी में होता है और सूरज मकर ( Capricorn ) राशि होता है, तो मेला प्रयाग में मनाया जाता है.

  • और जब दोनो ग्रह वृश्चिक ( Scorpio ) राशि में होता हैं, तो मेला उज्जैन में मनाया जाता है.


                                         रीति रिवाज़

  • जैसे ऊपर बताया गया है , कुंभ मेला चार जगह पर मनाया जाता है

. अल्लाहाबाद ( प्रयाग ) (Allahabad, Prayag )
. हरिद्वार ( Haridwar )
. उज्जैन ( Ujjain )
. नासिक ( Nashik )

  • यह मेला तीन सालों बाद बारी बारी ( on rotation basis ) से इन चारों स्थानों पर लगता है.

  • इसलिए एक स्थान पर ये मेला १२ सालों ( 12 years ) के बाद आता है.

  • अर्ध कुंभ मेला :  यह मेला ६ सालों के बाद , दो स्थाओं पर ही लगता है -- अल्लाहाबाद और हरिद्वार.

  • पूर्ण कुंभ मेला -- ये मेला केवल प्रयाग में ही होता है हर १२ साल के बाद

  • महा कुंभ मेला -- ये मेला केवल प्रयाग में ही होता है , १४४ सालों बाद


  • ईन चारों स्थानों पर जो पवित्र नदियाँ बहती हैं वो इस प्रकार हैं.

हरिद्वार -- गंगा
अल्लाहाबाद -- गंगा और यमुना का संगम
उज्जैन -- शिप्रा
नासिक --  गोदावरी




  • ईस मेले में कई लोग ऐसे दिखेंगे जिन्होने पौराणिक रिवाज़ों के अनुसार सिर्फ़ एक ऑरेंज रंग के कपड़ा ही पहना होगा ( चाहे जितनी भी सर्दी क्यूँ ना हो ) , और अपने माथे पर और शरीर पर राख माला हुआ होगा. इन्हें " नागा सन्यासी " ( Nag Sanyasi )  कहते हैं.

  • इस मेले की महानता है की इस मेले में लाखों की तादार में लोग पवित्र नदी में स्नान करते है .

  • ये कहा जाता है की ऐसा करने से सब पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

                                 आने वाला कुंभ मेला

  • २०१३ ( 2013 ) में महा कुंभ मेला १४  जनवरी ( 14 January ) से प्रयाग में शुरू होगा , जिसमें १०० मिलियन ( 100 million ) लोगों के आने की उमीद है.

  • अगला कुंभ मेला उज्जैन में होगा . उज्जैन में होने वेल मेले को सिंहस्थ “ (Simhastha ) भी कहते हैं.





प्रश्न: कुम्भ का मेला 2013 में कब आयोजित होगा?


जनवरी

फरवरी

मार्च

अप्रैल

सही उत्तर: जनवरी  


प्रश्न: कुम्भ के मेले में किस किस नदी पर स्नान किया जाता है?

गंगा

यमुना

गोदावरी 

तीस्ता

सही उत्तर: गंगा, गोदावरी